Sunday, May 30, 2010

एक मासूम रिश्ता……

दो दिल
एक मासूम रिश्ता
सौ अरमान
हज़ार सपने
लाख महकते पल
कुछ संगीन कसमे
……………..जो जोड़ती
जन्मो के रिश्ते


दो दिल
एक दुनिया
सौ लोग
हज़ार बातें
लाख ताने
…..कुछ रीति -रिवाज
और पल भर में
टूटते जन्मो के रिश्ते …….

एक दिल …
एक पुराणी किताब …
सौ पीले पन्ने
एक सूखा गुलाब
मरके भी यहाँ जिंदा हैं
दो दिलों के रिश्ते …

एक दिल
एक डायरी
सौ नज्मे
हज़ार स्याही ओढे शब्द
कुछ सपनो की राख
मर कर भी सुलगते है
यहाँ दो दिलो के रिश्ते ….


एक दुनिया
दुनिया की भीड़
खाक हुए सपनो की राख में
अपनी रूह दफनाते
साँसों के कारवां के साथ
अपने लिए रेशमी कफ़न
बुनते बुनते
नए रिश्तो को
निभाते निभाते …
चलते दो दिल …………
और साथ दिलो में जीता उनके
वही
एक मासूम रिश्ता……

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