सुना है
कई जगह पढ़ा भी है
मेरा देश दुनिया का
सबसे युवा देश बना है
इस देश कि ये युवा पीढ़ी
सफलता के नए आकाश
छूती ये सीढ़ी
कभी सीधी चलती
कभी चलती चाल टेढ़ी
हर रंग
हर ढंग में हमें मंजूर है
पर फिर भी कुछ
कहने को आज हम मजबूर है
रिश्ते के मामले में
ये पीढ़ी
चल रही आजकल सांप सी चाल टेढ़ी
इस देश की
एक नीति एक नियति है
एक मानता है
कुछ रिश्ते यहाँ जन्मोज्न्मंतर
निभाए जाते हैं
पर आजकल इन युवाओं के
रिश्ते पल भर में
जमीन पर बंध तो जाते हैं
पर
स्वर्ग का अहसास कराने से पहले
ही रिश्ते खुद
स्वर्गवासी हो जाते हैं
बस आज इतना इनसे कहना चाहते हैं
कुछ रिश्ते
हमारी अनूठी , अनमोल और अतुल्य सभ्यता की
पहचान हैं
उनकी नींव ठोस जमीन पर
बिछती है
कसी दल दल पर नहीं.
कसी दल दल पर नहीं.
कसी दल दल पर नहीं.
Friday, March 5, 2010
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Ekdam sahi kaha hai..
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