इतिहास तो है
आज का आभास नहीं
सांसे तो चल रही
धडकनों का अहसास नहीं
दिल का समुन्दर मचल तो रहा
लहरों का मगर विश्वास नहीं
आज कि जो है चेतना
कल का इतिहास हो शायद
पता नहीं पता नहीं...........
Saturday, February 27, 2010
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