Saturday, February 27, 2010

कल का पता नहीं

इतिहास तो है
आज का आभास नहीं
सांसे तो चल रही
धडकनों का अहसास नहीं
दिल का समुन्दर मचल तो रहा
लहरों का मगर विश्वास नहीं
आज कि जो है चेतना
कल का इतिहास हो शायद
पता नहीं पता नहीं...........

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