रात भी जब सन्नाटे के खर्राटे
मार चैन कि नींद सो रही थी
ऐसी सर्द रातों में
दबे पाँव तुम क्यूँ चले आते जारी
और आते ही मेरी शांत सी
दिल कि ज़मीन पे भूचाल ला देते हो
कुछ साँसे यहाँ कुछ वहां
गिरा कर मुझे बेकाबू कर देते हो
देखो इतना न झ्क्ड़ो
की मेरा दम निकल जाये
थोडा खुद को भी संभालो
और मुझे भी थोडा संभलने दो
बहुत हुआ अब
इससे पहले की कोई और जग जाये
यहाँ से चुपके से निकल जाओ
ओहोहो...
आप सब पढने वाले क्या समझे..
अरे रे रे
इनसे मेरा इश्क पुराना है
मैं इनकी परमानेंट पेशेंट
और ये मेरे आशिक दमा (अस्थमा) है
Saturday, March 13, 2010
Friday, March 5, 2010
दल दल पर रिश्ते
सुना है
कई जगह पढ़ा भी है
मेरा देश दुनिया का
सबसे युवा देश बना है
इस देश कि ये युवा पीढ़ी
सफलता के नए आकाश
छूती ये सीढ़ी
कभी सीधी चलती
कभी चलती चाल टेढ़ी
हर रंग
हर ढंग में हमें मंजूर है
पर फिर भी कुछ
कहने को आज हम मजबूर है
रिश्ते के मामले में
ये पीढ़ी
चल रही आजकल सांप सी चाल टेढ़ी
इस देश की
एक नीति एक नियति है
एक मानता है
कुछ रिश्ते यहाँ जन्मोज्न्मंतर
निभाए जाते हैं
पर आजकल इन युवाओं के
रिश्ते पल भर में
जमीन पर बंध तो जाते हैं
पर
स्वर्ग का अहसास कराने से पहले
ही रिश्ते खुद
स्वर्गवासी हो जाते हैं
बस आज इतना इनसे कहना चाहते हैं
कुछ रिश्ते
हमारी अनूठी , अनमोल और अतुल्य सभ्यता की
पहचान हैं
उनकी नींव ठोस जमीन पर
बिछती है
कसी दल दल पर नहीं.
कसी दल दल पर नहीं.
कसी दल दल पर नहीं.
कई जगह पढ़ा भी है
मेरा देश दुनिया का
सबसे युवा देश बना है
इस देश कि ये युवा पीढ़ी
सफलता के नए आकाश
छूती ये सीढ़ी
कभी सीधी चलती
कभी चलती चाल टेढ़ी
हर रंग
हर ढंग में हमें मंजूर है
पर फिर भी कुछ
कहने को आज हम मजबूर है
रिश्ते के मामले में
ये पीढ़ी
चल रही आजकल सांप सी चाल टेढ़ी
इस देश की
एक नीति एक नियति है
एक मानता है
कुछ रिश्ते यहाँ जन्मोज्न्मंतर
निभाए जाते हैं
पर आजकल इन युवाओं के
रिश्ते पल भर में
जमीन पर बंध तो जाते हैं
पर
स्वर्ग का अहसास कराने से पहले
ही रिश्ते खुद
स्वर्गवासी हो जाते हैं
बस आज इतना इनसे कहना चाहते हैं
कुछ रिश्ते
हमारी अनूठी , अनमोल और अतुल्य सभ्यता की
पहचान हैं
उनकी नींव ठोस जमीन पर
बिछती है
कसी दल दल पर नहीं.
कसी दल दल पर नहीं.
कसी दल दल पर नहीं.
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