Thursday, July 10, 2008

दो किनारे

इक छोर मैं
इक छोर किस्मत
मेरी बीच हमारे सदियों का फासला
बस एक दूजे का अहसास रखते हैं
ना वो मेरे पास आ सकती
ना में उस तक जा सकती
बस यूँही दूर से इक दूजे को ताका करते हैं
लाख कोशिश की
हमने उस ओर जाने की
लाख कोशिश की उसने इस ओर आने की …
अब जाके सफल दोनों हुए
अब उस छोर मैं
और
इस छोर किस्मत मेरी
और हमारे बीच वही सदियों का फासला …..

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