कभी था जो महल
मेरा वो आलीशान दिल
अब खंडहर बन चुका
प्यार के पन्ने
मोहब्बत के मोती
जिसे जो मिला लूट चुका ….
बस तेरी याद के कुछ हीरे
बचे है
जो एक तहखाने में
बड़ी हिफाज्जत से
सम्भाल्के हमने रखे हैं ….
वादा है ये तुमसे
इन्हें लुटने न देंगे…...
दीवारें डेह भी जाये तो क्या
इस दिल के दरवाज़े
अब किसी के लिए न खुलेंगे …………
Wednesday, June 4, 2008
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